गन्ने की खेती : पेड़ी गन्ने की अधिक उपज प्राप्त करने के लिए किसान भाई अपनाएं ये 10 तरीके

Rahul Patidar
7 Min Read

जानिए , पेड़ी गन्ने की अधिक उपज प्राप्त करने के तरीके

गन्ने की खेती एक ऐसी खेती है जो प्रतिवर्ष मुनाफे में वृद्धि करती हैं।गन्ने की खेती को वर्ष भर साधनों की उपलब्धता और मजदूरों की उपलब्धता से उचित तकनीक द्वारा सरलता से की जा सकती हैं।गन्ने की खेती करने वाले किसान भाई को कम लागत में अधिक उपज प्राप्त करने के लिए गन्ने की खेती में उन्नत तकनीक का प्रयोग करना चाहिए।किसान भाई समय-समय पर कृषि विशेषज्ञों द्वारा दिए गए तरीकों को अपनाए।इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम भार्गव ने किसानों को गन्ने की अधिक उपज प्राप्त करने के कुछ तरीके दिए हैं।इन तरीकों को अपनाकर गन्ना किसान गन्ने की उपज में वृद्धि करके आय में भी वृद्धि कर सकते हैं।गन्ना किसानों को गन्ने की उपज में वृद्धि के इन तरीकों के बारे में जानकारी होना आवश्यक हैं।आइए , मीडिया 1 द्वारा गन्ने की उपज में वृद्धि के इन तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

पेड़ी गन्ने की कम उपज प्राप्त होने के क्या हैं कारण??

गन्ना अधिकारी खुशीराम भार्गव के अनुसार गन्ना किसानों को गन्ने की पेड़ी प्रबंधन पर मुख्य रूप से ध्यान देना चाहिए।गन्ना अधिकारी के अनुसार गन्ना किसानों की यह अवधारणा रहती हैं कि पेड़ी गन्ने की फसल बिना खर्चे की फसल हैं।गन्ने की खेती में पेड़ी गन्ना की फसल में अधिक उपज और चीनी की परत पाई जाती हैं।पेड़ी का उत्पादन क्षेत्र लगभग 50% तक होता हैं किंतु सही से देखरेख नहीं होने के कारण इसकी कम उपज प्राप्त होती हैं।यदि पेड़ी गन्ने की फसल की सही तरीके से प्रबंधन और देखरेख नहीं की जाए तब इसकी उपज में 25% से 30% तक कमी आ सकती हैं।अधिकांश रूप से गन्ना किसान पौधा गन्ना में तो अधिक मेहनत और देखरेख करते हैं किंतु पेड़ी गन्ने की फसल में सही देखरेख नहीं करते हैं।इसी कारण पेड़ी गन्ने की कम उपज प्राप्त होती हैं।

पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि के 10 आसान तरीके

पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि के लिए किसानों को कुछ तरीके अपनाने चाहिए ताकि इसकी अच्छी उपज प्राप्त की जा सकें। पेड़ी गन्ने की अधिक उपज प्राप्त करने के 10 आसान तरीके इस प्रकार हैं-

(1) पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि के लिए खेत की मिट्‌टी में नमी बनी रहे इसके लिए खेत में पौधों पर सूखी पत्तियों के अवशेष हो तब इसे दोनों पंक्तियों के मध्य बिछाने के पश्चात् सिंचाई कर देना चाहिए।
(2) पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि के लिए फसल में समय-समय पर निराई-गुड़ाई और आवश्यकतानुसार सिंचाई अवश्य करें।
पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि के लिए गन्ने की कटाई बिल्कुल खेत की मिट्‌टी की सतह से करना चाहिए।ऐसा करने से कल्ले अधिक निकलते हैं।
(3) पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि के लिए फसल में कहीं-कहीं अंतर(Gap) अधिक हो जाता हैं।इस असमानता को भरना चाहिए।इसके लिए महिला समूहों द्वारा सीडलिंग उपलब्ध हैं , इसे किसान अपने गन्ना पर्यवेक्षक के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
(4) पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि के लिए यदि खेत में उकठा , कंडुवा रोग या लाल सड़न रोग का प्रकोप दिखाई दें तब उस खेत में पेड़ी गन्ने की फसल नहीं लेना चाहिए।यदि ऐसे खेत में गन्ने की फसल लेना जरूरी हो तब इसके लिए पौधे गन्ने के ठूंठ की छंटाई अवश्य करें।इस कार्य हेतु गन्ना समितियों में RMD यंत्र उपलब्ध हैं जो ट्रैक्टर से चलता है उसका प्रयोग कर सकते हैं।
(5) पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि के लिए फसल में 20% से 25% तक उर्वरक की आवश्यकता होती हैं।इसके लिए फॉस्फोरस की 80 किग्रा मात्रा , पोटाश की 80 किग्रा मात्रा और नाइट्रोजन की 220 किग्रा मात्रा का प्रयोग किया जाता हैं।
(6) पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि के लिए फसल में रासायनिक उर्वरकों के अतिरिक्त जैव उर्वरक , सड़ी गोबर की खाद का प्रयोग किया जाता हैं।5 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद में एजोबेक्टर की 10 किग्रा मात्रा और PSB की 10 किग्रा मात्रा को मिलाकर दोनों पंक्तियों के मध्य डालकर गुड़ाई कर देना चाहिए।
(7) पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि के लिए फसल की देखरेख सही तरीके से करना चाहिए।पेड़ी गन्ने के बेहतर फुटाव और पौधे की जल्दी वृद्धि के लिए ठूंठ में 500 लीटर पानी में इथोफोन दवा की 50 मिली मात्रा का घोल का छिड़काव करें।
(8) पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि के लिए कीटों से पौधों के बचाव और पौधे की वृद्धि के लिए जिन गन्ना किसानों के पास पर्याप्त साधन ना हों वे किसान पेड़ी गन्ने में जब 4 से 5 पत्तियां आ जाए तब NPK (19:19:19) जल विलेय उर्वरक में क्लोरोपैरिफॉस 20 E.C. के 2% घोल का छिड़काव अवश्य करें।
(9) पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि के लिए पेड़ी गन्ने की फसल में पौधों को फफूंदजनित रोगों से बचाव के लिए प्रति एकड़ गोबर की खाद में ट्राईकोडर्मा की 10 किग्रा मात्रा का प्रयोग करें।
(10) पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि के लिए फसल को सैनिक कीट , मिलीबग कीट , काला चिटका कीट और दीमक से बचाव हेतु प्रति एकड़ में 400 लीटर पानी में रासायनिक कीटनाशक यूजो (क्लोरोपैरिफॉस 50% + 5% साईपर) की 400 मिली मात्रा मिलाकर छिड़काव करें।

इस प्रकार गन्ना किसान बेहतर प्रबंधन और इन आसान तरीकों का प्रयोग करके पेड़ी गन्ने की उपज में वृद्धि कर सकते हैं।

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