सिंचाई सुविधा हेतु नई परियोजना : इन राज्यों के किसानों को सिंचाई हेतु नहीं होगी पानी की कमी , मिलेगा भरपूर पानी

Rahul Patidar
7 Min Read

जानिए , राज्य सरकार की इस नई परियोजना से संबंधित जानकारी..

किसान परंपरागत फसलों की खेती के साथ कुछ विशेष फसल की खेती करें ताकि अधिक लाभ मिल सके किंतु सिंचाई की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण कई किसान अन्य फसलों की खेती नहीं कर पाते हैं।सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कई प्रकार की योजनाएं और परियोजनाएं संचालित की जाती हैं ताकि किसानों को इसका भरपूर लाभ प्राप्त हो सके।इसी क्रम में राज्य सरकार राज्य के किसानों को सिंचाई के आधार पर एक नई परियोजना प्रारंभ करने जा रही हैं।राज्य सरकार की यह परियोजना यदि तैयार हो जाती हैं तब इससे दो राज्यों के किसानों के लिए सिंचाई का पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा।हमारे देश में कई राज्य में प्रत्येक वर्ष सूखे जैसी स्थिति हो जाती हैं जिसका नुकसान किसानों को भुगतना पड़ता हैं।वैसे तो राज्य सरकार सूखाग्रस्त क्षेत्र के किसानों को सब्सिडी देकर नुकसान की क्षतिपूर्ति करती हैं किंतु इस समस्या का कोई उचित समाधान नहीं हैं।इस स्थिति को देखते हुए सरकार सिंचाई के लिए परियोजना शुरू करने जा रही हैं।इस परियोजना से मुख्य रूप से सूखे क्षेत्र के लाखों किसानों की फसलों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो जाएगा।सरकार द्वारा तीन नदियों को जोड़ने की परियोजना पर कार्य प्रारंभ किया जा रहा हैं ताकि इससे दो राज्यों के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके।इस परियोजना को लेकर त्रिपक्षीय समझौता किया गया हैं।यह परियोजना शीघ्र ही प्रारंभ की जाएगी और इससे संबंधित कार्य बहुत ही कम समय में पूर्ण कर लिया जाएगा।आइए , मीडिया 1 द्वारा सिंचाई कि इस नई परियोजना से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।

परियोजना के तहत कौन-सी तीन नदियों को जोड़ा जाएगा??

सूखे जैसी स्थिति को देखते हुए सरकार सिंचाई के लिए परियोजना शुरू करने जा रही हैं।सरकार द्वारा तीन नदियों को जोड़ने की परियोजना पर कार्य प्रारंभ किया जा रहा हैं ताकि इससे दो राज्यों के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके।सिंचाई की इस नई परियोजना के तहत मध्यप्रदेश और राजस्थान की सरकार की ओर से पार्वती , काली सिंध और चंबल नदी को जोड़ने पर सहमति हैं।इस परियोजना के लिए जल शक्ति मंत्रालय के कार्यालय में मध्यप्रदेश , राजस्थान और केंद्र सरकार के मध्य संशोधन पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ERCP(PKC-ERCP) लिंक परियोजना के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।इस मौके पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा हैं कि सिंचाई की यह परियोजना 5 साल से कम समय में पूर्ण कर ली जाएगी।सिंचाई की इस परियोजना से राज्य की लगभग 1.5 करोड़ आबादी को लाभ होगा।इस परियोजना की वर्तमान लागत लगभग 75 हजार करोड रुपए हैं।

परियोजना हेतु समझौता ज्ञापन में किन बिंदुओं को किया गया हैं सम्मिलित

मध्यप्रदेश और राजस्थान की पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ERCP (PKC-ERCP) लिंक परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट (व्यवहार्यता प्रतिवेदन)फरवरी 2004 में तैयार की गई थी और राजस्थान सरकार की ओर से वर्ष 2019 में ERCP का प्रस्ताव लाया गया था।वर्तमान में वर्ष 2024 में समझौता ज्ञापन में दोनों परियोजनाओं को समायोजित कर दिया गया हैं।इस परियोजना का लाभ मध्यप्रदेश और राजस्थान के किसानों को मिलेगा।सिंचाई की इस परियोजना हेतु समझौता ज्ञापन में इन बिंदुओं को सम्मिलित किया गया हैं-
सिंचाई की इस परियोजना हेतु समझौता ज्ञापन में लिंक परियोजना के कार्य का दायरा , पानी का आदान-प्रदान , पानी का बंटवारा , लाभ का बंटवारा , चंबल बेसिन में पानी के प्रबंधन और नियंत्रण की व्यवस्था , कार्यान्वयन तंत्र और लागत सम्मिलित की गई हैं।

परियोजना से इन जिलों के किसानों को मिलेगा पानी

सिंचाई की इस परियोजना का लाभ मध्यप्रदेश और राजस्थान के जिलों को मिलेगा।इस लिंक परियोजना के तहत त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन में मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्य में कुल 5.60 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के अतिरिक्त मध्य प्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र के 13 जिलों में और पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में औद्योगिक उपयोग के लिए जल और पीने के लिए जल उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा गया हैं।मध्यप्रदेश और राजस्थान की सिंचाई की लिंक परियोजना के संबंध में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा हैं कि इस परियोजना से मध्यप्रदेश के चंबल और मालवा के 13 जिलों को लाभ प्राप्त होगा।सिंचाई की इस परियोजना से राज्य के मालवा और चंबल अंचल में लगभग 3 लाख हैक्टेयर सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी।राज्य के औद्योगिक बेल्ट वाले जिलों जैसे – उज्जैन ,
देवास , शाजापुर , राजगढ़ , इंदौर , धार और आगर-मालवा में औद्योगीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।राज्य के ड्राई बेल्ट वाले जिलों जैसे – ग्वालियर , मुरैना , श्योपुर , गुना , भिंड और शिवपुरी में पानी की उपलब्धता में वृद्धि होगी।

सरकार की इस परियोजना से क्या होगा फायदा??

पार्वती-कालीसिंध-चंबल(PKC) परियोजना को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना(ERCP) से समायोजित करके इस परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया गया है।इस परियोजना के लिए मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्यों के मध्य बहुत ही कम समय में स्वीकृति हुई हैं।यह परियोजना मध्यप्रदेश और राजस्थान दोनों राज्यों के हित में हैं।सिंचाई की इस परियोजना का लाभ पानी की कमी वाले 26 जिलों को मिलेगा।सिंचाई की इस लिंक परियोजना से राज्य की बेरोजगारी , अशिक्षा और गरीबों जैसी समस्याएं दूर होगी जिससे राज्य की जनता के जीवन स्तर में सुधार होगा।इस लिंक परियोजना के तहत त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन में मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्य में कुल 5.60 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के अतिरिक्त बड़े तालाबों और बांधों में पानी का संचय कर जल स्तर में वृद्धि होगी।

Spread the love
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *