यूरिया का छिड़काव : किसान भाइयों के लिए अब यूरिया का छिड़काव होगा आसान , ऐसे होगा लाभ

Rahul Patidar
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जानिए , सरकार की यूरिया के छिड़काव की योजना क्या हैं??

फसलों के उत्पादन क्षेत्र में वृद्धि के उद्देश्य से सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं संचालित की जाती हैं।फसल की पैदावार में वृद्धि और किसान भाइयों को लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं भी संचालित की जाती हैं।किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से सरकार द्वारा फसलों पर खर्च कम करने और पैदावार में वृद्धि करने की और विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं।सरकार द्वारा किसानों को बीज , कृषि मशीन , खाद और उर्वरकों आदि की खरीद पर सब्सिडी भी प्रदान की जाती हैं।इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा यूरिया का छिड़काव मात्र 100 रुपए में करने की योजना प्रारंभ की गई हैं।यूरिया का छिड़काव ड्रोन से करने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे किसानों के श्रम और समय की बचत होगी और साथ ही पूरे खेत में समान मात्रा में यूरिया का छिड़काव होगा।किसान को फसल की अच्छी उपज प्राप्त होगी और किसानों के लिए अब यूरिया का छिड़काव आसान हो सकेगा।यूरिया के छिड़काव की इस योजना के तहत किसान भाई अपनी फसल में ड्रोन की सहायता से प्रति एकड़ मात्र 100 रुपए में यूरिया का छिड़काव करवा सकते हैं।आइए , मीडिया 1 द्वारा यूरिया के छिड़काव की इस योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।

यूरिया का छिड़काव ड्रोन से इन फसलों में किया जा रहा हैं

किसान द्वारा कई फसलों में यूरिया का छिड़काव किया जाता हैं।राज्य सरकार ने राज्य के किसानों के लिए यूरिया का छिड़काव ड्रोन से करने की सुविधा शुरू की हैं।सरकार ने इसके लिए जिले के अनुसार लक्ष्य भी निर्धारित किया हैं।राज्य में बहुत से किसान भाई नैनो यूरिया का प्रयोग कर रहे हैं।इस बात को ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से किसान भाइयों को नैनो यूरिया भी उपलब्ध कराया जा रहा हैं।किसान भाई इस योजना का लाभ उठा कर अपनी फसल में कम मूल्य में नैनो यूरिया का छिड़काव करा सकते हैं।

यूरिया का छिड़काव ड्रोन से करने के लिए क्या होगा शुल्क??

यूरिया का छिड़काव ड्रोन से करने की इस योजना में सरकार की ओर से कृषि अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।कृषि विभाग के एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार किसान भाइयों को छिड़काव के लिए ड्रोन नि:शुल्क उपलब्ध किया जाएगा।किसान भाइयों को अपनी फसल पर यूरिया का छिड़काव ड्रोन की सहायता से करने के लिए प्रति एकड़ 100 रुपए का शुल्क देना होगा।यदि 5 एकड़ क्षेत्र में नैनो यूरिया का छिड़काव करना हो तब इसके लिए शुल्क 500 रुपए होगा।सरकार द्वारा ड्रोन से यूरिया के छिड़काव की यह सुविधा राज्य के प्रत्येक किसान को मिलेगी।अब नैनो यूरिया का छिड़काव किसान भाइयों को आसान होगा।

यूरिया का छिड़काव ड्रोन से करने के लिए पंजीयन की प्रक्रिया

यूरिया का छिड़काव ड्रोन से करने की इस योजना का लाभ वर्तमान में हरियाणा राज्य के किसानों को दिया जा रहा हैं।कृषि विभाग के एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार नैनो यूरिया का छिड़काव ड्रोन की सहायता से करने की यह सुविधा सभी किसान भाइयों को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया हैं।
किसान भाइयों को इस योजना का लाभ लेने के लिए पंजीकरण करना होगा।किसान भाई यूरिया का छिड़काव ड्रोन की सहायता से करने के लिए “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं।इस पंजीयन में किसान को नैनो यूरिया के लिए भी आवेदन करना होगा।यदि किसान स्वयं ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकते हैं तब किसान CSC केंद्र पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।किसान को ऑनलाइन आवेदन के साथ ही ड्रोन से छिड़काव का तय शुल्क भी देना होगा।”मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर अब तक राज्य की लगभग 7.40 लाख एकड़ भूमि का पंजीकरण हो चुका हैं।यूरिया के छिड़काव के लिए सीजन 2023-24 के अगस्त माह तक खरीफ फसल के लिए “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर लगभग 8.87 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया हैं।ड्रोन से छिड़काव की इस सुविधा को राज्य के किसानों को बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराए जाने की योजना हैं।इसके संबंध में विभाग ने तैयारी भी कर ली हैं।

यूरिया का छिड़काव ड्रोन से करने से क्या होगा फायदा??

यूरिया का छिड़काव ड्रोन से करने से किसान भाइयों को काफी फायदा होगा।ड्रोन की सहायता से आसानी से खेतों में स्प्रे(फुहार) भी किया जा सकता हैं।ड्रोन के माध्यम से एक बार में 10 लीटर तक लिक्विड को उड़ाया जा सकता हैं।यूरिया का छिड़काव ड्रोन की सहायता से एक दिन में लगभग 20 से 25 एकड़ क्षेत्र में किया जा सकता हैं।ड्रोन से छिड़काव का सबसे बड़ा फायदा यह हैं कि यूरिया का छिड़काव ड्रोन की सहायता से एक स्थान पर खड़े होकर अधिक दूरी तक किया जा सकता हैं।किसान भाइयों को यूरिया और कीटनाशक के छिड़काव के दौरान जहरीले जंतु के काटने का डर भी नहीं होगा।इसके अतिरिक्त किसानों के श्रम और समय की बचत होगी और साथ ही पूरे खेत में समान मात्रा में यूरिया का छिड़काव होगा।

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