गन्ने की खेती : गन्ने के साथ करें इस फसल की खेती , होगा दोगुना मुनाफा

Rahul Patidar
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गन्ने के साथ कौन-सी फसल की खेती करें??

गन्ना एक ऐसी फसल हैं जिसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होती हैं।गन्ना किसान हमेशा गन्ने की खेती से प्राप्त होने वाली आय को लेकर काफी चिंतित रहते हैं।वर्तमान में भी कई राज्यों में गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य(Minimum Support Price) बहुत ही कम हैं।गन्ना किसानों को गन्ने की खेती में लागत के अनुसार मुनाफा प्राप्त नहीं होता हैं।इस स्थिति में किसान अपनी आय में कैसे वृद्धि करें इसके बारे में जानकारी होना आवश्यक हैं।
गन्ना एक लंबी अवधि वाली फसल हैं और गन्ने की खेती में मध्य में काफी स्थान होता हैं।किसान गन्ने के साथ कम अवधि की फसल लगाकर काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।गन्ने के साथ कई प्रकार की फसलें उगाई जा सकती हैं किंतु गन्ने के साथ आलू की खेती की जाए तो उससे काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त हो सकता हैं।आलू की बाजार मांग वर्ष भर रहती हैं और बाजार में आलू का अच्छा भाव प्राप्त हो जाता हैं।किसान भाई गन्ने की फसल के मध्य में आलू की फसल की बुवाई करके अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर सकते हैं।आइए , मीडिया 1 द्वारा गन्ने के साथ आलू की खेती करने के संबंधित जानकारी प्राप्त करें।

यह किसान गन्ने के साथ कर रहे हैं आलू की खेती

बिहार के सिवान जिले के विष्णुपुरा गांव के रहने वाले गोरख सिंह गन्ने के साथ आलू की खेती करते हैं।गोरख सिंह पशुपालन विभाग में लिपिक के पद पर कार्यरत हैं।इस वर्ष उन्होंने एक साथ गन्ना और आलू की खेती की हैं।इसकी खेती में उन्हें 6 से 7 हजार रुपए का खर्च आया हैं।गन्ने के साथ आलू की खेती करने से उन्हें एक खर्च में दो फसलें से मुनाफा प्राप्त हो रहा हैं।अब किसान को दुगुना लाभ प्राप्त हो गया हैं।अधिकांश किसान भाइयों का मानना हैं कि आलू की खेती के साथ पालक , मूली , मटर , सरसों और मक्का की खेती की जा सकती हैं किंतु किसान गोरख सिंह ने गन्ने के साथ आलू की खेती की और इससे उन्हें अच्छा मुनाफा प्राप्त हुआ हैं।

गन्ने के साथ आलू की खेती कैसे करें??

गन्ने के साथ आलू की खेती करने के लिए गन्ने को की बुवाई में 2 से 3 फीट की दूरी रखी जाती हैं।गन्ने की बुवाई में नाली और गड्ढा विधि का प्रयोग किया जाता हैं।गन्ने की फसल के मध्य में 1 से 2 पंक्तियों में आलू की बुवाई की जाती हैं।गन्ना और आलू की साथ में खेती से दोनों फसलों की उपज में वृद्धि हो जाती हैं।इस प्रकार आलू की खेती से प्रति एकड़ लगभग 35 से 40 हजार तक की अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती हैं।

गन्ने के साथ आलू की खेती से किसानों को मिलने वाला फायदा

गन्ने के साथ आलू की खेती करने से किसान भाइयों को बहुत फायदा हो सकता हैं।गन्ने के साथ आलू की खेती करने से किसान को एक फसल के खर्चे में दो फसलों का मुनाफा मिल जाता हैं।गन्ना और आलू की साथ में खेती करने से खाद , उर्वरक और सिंचाई का अतिरिक्त खर्च नहीं होता हैं और मुनाफा दो गुना हो जाता हैं।शरद कालीन गन्ने की खेती के साथ किसान भाई सरसों , राजमा , आलू , मटर और प्याज की खेती कर सकते हैं।इस प्रकार 3 से 4 माह के अंदर प्रति एकड़ 40 से 50 रुपए तक अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती हैं और साथ ही गन्ने की फसल से भी लाभ मिल जाएगा।एक अनुमान के अनुसार गन्ने की खेती उन्नत तकनीक से करने पर 12 माह के पश्चात् गन्ने की खेती से प्रति एकड़ 35 से 38 टन तक पैदावार प्राप्त होती हैं।इस प्रकार किसान भाइयों को दो गुना लाभ प्राप्त होता हैं।

गन्ने की प्रमाणित और उन्नत किस्में

गन्ने की खेती के लिए कई प्रमाणित और उन्नत किस्में भी हैं जिनकी खेती से किसान अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। किसान भाई अपने क्षेत्र के अनुसार गन्ने की किस्मों का चयन करें।गन्ने की जल्दी और मध्यम देरी से पकने वाली प्रमाणित व उन्नत किस्में इस प्रकार हैं-

•जल्दी पकने वाली गन्ने की किस्में

9 से 10 माह की अवधि में पकने वाली गन्ने की किस्में इस प्रकार हैं-
कोशा 64 , कोशा 671 , कोशा 7314 , कोशा 7704 , कोशा 87008 , कोशा 87010
उत्पादन : प्रति एकड़ लगभग 320 से 360 क्विंटल
कोशा 8209 , कोशा जवाहर 86-141 और कोशा जवाहर 86-572
उत्पादन : प्रति एकड़ लगभग 360 से 400 क्विंटल

•मध्य देर से पकने वाली गन्ने की किस्में

12 से 14 माह की अवधि में पकने वाली गन्ने की किस्में इस प्रकार हैं-
कोशा 6217
उत्पादन : प्रति एकड़ लगभग 360 से 400 क्विंटल
कोशा 6304
उत्पादन : प्रति एकड़ लगभग 380 से 400 क्विंटल
कोशा 7318
उत्पादन : प्रति एकड़ लगभग 400 से 440 क्विंटल
कोशा जवाहर 94-141 , कोशा जवाहर 86-600 और कोशा जवाहर 86-2087
उत्पादन : प्रति एकड़ लगभग 400 से 600 क्विंटल

आलू की उन्नत किस्में

आलू की खेती के लिए विभिन्न किस्में हैं किंतु आलू की कुछ उन्नत किस्में हैं जो अच्छी पैदावार देती हैं जो इस प्रकार हैं-
कुफरी पुखराज , कुफरी अलंकार , कुफरी नीलकंठ , कुफरी पुखराज , कुफरी चिप्सोना और कुफरी सिंदूरी आदि।

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