काले चने की उन्नत 2 किस्में : काले चने की इन उन्नत दो किस्मों की खेती से पाए भरपूर उत्पादन

Rahul Patidar
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जानिए , काले चने की खेती से संबंधित जानकारी..

रबी सीजन की फसलों की बुवाई का अंतिम दौर हैं।किसान वर्तमान में ऐसी फ़सल की खेती करना चाहते हैं जिससे अधिक लाभ मिल सकें।समय के साथ – साथ खेती करने का तरीका भी बदल गया हैं।किसान भाई खेतों में रबी के सीजन में कई फसलों की खेती करते हैं।रबी सीजन में गेहूं की बुवाई के पश्चात् बाकी खाली खेतों में चने की खेती करके अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती हैं।चने का बाजार भाव भी अच्छा मिल जाता हैं।चने की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं।चने की खेती में काले चने की खेती से किसान भाइयों को काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त हो सकता हैं।काले चने का मूल्य साधारण चने की तुलना में अधिक होता हैं।काला चना स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता हैं इसलिए इसकी बाजार मांग भी बहुत होती हैं।
काले चने की उन्नत किस्म की खेती करके किसान भाई काफी अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(ICAR) ने काले चने की उन्नत दो किस्मों को जारी किया हैं।इस स्थिति में काले चने की खेती किसान भाइयों के लिए लाभ का सौदा हैं।किसान भाइयों को काले चने की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी होना आवश्यक हैं।आइए , मीडिया 1 द्वारा काले चने की वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इन 2 किस्मों और काले चने की अन्य उन्नत किस्मों से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।

काले चने की उन्नत 2 किस्में

(1) कोटा देसी चना-2 किस्म

काले चने की कोटा देसी चना-2 किस्म का आकार मध्यम लंबा और बीज का रंग भूरा होता हैं।काले चने की कोटा देसी चना-2 किस्म के लिए उपयुक्त क्षेत्र आंध्रप्रदेश और कर्नाटक हैं।काले चने की यह किस्म चने की अन्य किस्मों की अपेक्षा उच्च रोग प्रतिरोधी होती हैं।काले चने की कोटा देसी चना-2 किस्म में प्रोटीन की मात्रा 18.77% तक पाई जाती हैं।काले चने की कोटा देसी चना-2 किस्म की उत्पादन क्षमता पूसा चना 4005 की औसत उत्पादन से 16 से 17% अधिक हैं।

(2) कोटा देसी चना-3 किस्म

काले चने की कोटा देसी चना-3 किस्म का आकार मध्यम लंबा और बीज का रंग भूरा होता हैं।काले चने की कोटा देसी चना-3 किस्म के लिए उपयुक्त क्षेत्र बिहार , असम और झारखंड जैसे पूर्वोत्तर राज्य हैं।काले चने की यह किस्म यांत्रिक कटाई के लिए उपयुक्त हैं।काले चने की कोटा देसी चना-3 किस्म से प्राप्त उत्पादन प्रति हैक्टेयर लगभग 15.57 क्विंटल हैं।

काले चने की अन्य उन्नत किस्में

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(ICAR) द्वारा विकसित काले चने की इन उन्नत 2 किस्मों के अतिरिक्त काले चने की अन्य किस्में भी हैं जो अच्छी उपज देती हैं।काले चने की अन्य उन्नत किस्में इस प्रकार हैं-

•काले चने की TAU-1 किस्म

काले चने की TAU-1 किस्म एक लोकप्रिय किस्म हैं।काले चने की TAU-1 किस्म के दाने का आकार मध्यम होता हैं।काले चने की इस किस्म को बारिश और बारिश के पश्चात् दोनों मौसम में उगाया जा सकता है।काले चने की TAU-1 किस्म के लिए सभी प्रकार की मिट्टी उपयुक्त हैं।काले चने की यह किस्म रोगों के प्रति मध्यम सहनशील हैं।काले चने की TAU-1 किस्म के पकने की अवधि लगभग 75 से 80 दिन हैं।

•काले चने की PU-30 किस्म

काले चने की PU-30 किस्म के दाने का आकार मध्यम और बीज मोटा होता हैं।काले चने की इस किस्म को शुष्क और बारिश आदि वातावरण में भी उगाया जा सकता हैं।काले चने की यह किस्म पीला मोजेक रोग और फफूंदी प्रति सहनशील हैं।काले चने की PU-30 किस्म के पकने की अवधि लगभग 80 से 85 दिन हैं।

•काले चने की T-9 किस्म

काले चने की T-9 किस्म एक जल्दी पकने वाली किस्म हैं।काले चने की T-9 किस्म झाड़ीदार और दाने का आकार मध्यम होता हैं।काले चने की इस किस्म को सभी प्रकार की जलवायु में उगाया जा सकता हैं।काले चने की यह किस्म उच्च उपज क्षमता वाली किस्म हैं।काले चने की T-9 किस्म के पकने की अवधि लगभग 65 से 70 दिन हैं।

•काले चने की T-21 किस्म

काले चने की T-21 किस्म उड़द दाल के लिए बेहतर किस्म हैं।काले चने की T-21 किस्म झाड़ीदार और बीज का रंग काला होता हैं।काले चने की इस किस्म को सभी प्रकार की जलवायु में उगाया जा सकता हैं।काले चने की यह किस्म उच्च उपज क्षमता वाली किस्म हैं।काले चने की T-21 किस्म के पकने की अवधि लगभग 70 से 75 दिन हैं।

•काले चने की ADT-3 किस्म

काले चने की ADT-3 किस्म के दाने का आकार मोटा और चमकदार होता हैं।काले चने की ADT-3 किस्म को दक्षिण राज्यों में अधिकांश रूप से उगाया जाता हैं।काले चने की यह किस्म उच्च उपज क्षमता वाली किस्म हैं।काले चने की यह किस्म जलभराव की स्थिति के प्रति सहनशील हैं।काले चने की ADT-3 किस्म के पकने की अवधि लगभग 70 से 75 दिन हैं।

•काले चने की MPK-179 किस्म

काले चने की MPK-179 किस्म के विकास का श्रेय महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय , राहुरी (महाराष्ट्र) को जाता हैं।काले चने की कोटा देसी चना-3 किस्म के लिए उपयुक्त क्षेत्र मध्यप्रदेश , छत्तीसगढ़ , गुजरात , राजस्थान , महाराष्ट्र , पंजाब और हरियाणा राज्य हैं।काले चने की इस किस्म में 1 या 2 सिंचाई पर्याप्त होती हैं।काले चने की MPK-179 किस्म के पकने की अवधि लगभग 110 से 120 दिन हैं।काले चने की MPK-179 किस्म से प्राप्त उत्पादन प्रति एकड़ लगभग 10 से 12 क्विंटल हैं।

काले चने का बाजार भाव

रबी सीजन में वर्तमान में काले चने का बाजार भाव की बात करें तो बाजार के आंकड़ों के अनुसार काले चने का औसत मूल्य प्रति क्विंटल 8731.19 रुपए रहा।काले चने का सबसे उच्च बाजार मूल्य प्रति क्विंटल 14,000 रुपए और सबसे कम बाजार मूल्य प्रति क्विंटल 4,242 रुपए रहा।

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