हॉप शूट्‌स की खेती के बारे में जानिए : हॉप शूट्स हैं दुनिया की सबसे महंगी सब्जी

Rahul Patidar
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दुनिया की महंगी सब्जी हॉप शूट्स की खेती की जानकारी

दुनिया की सबसे महंगी सब्जी हॉप शूट्स हैं। हॉप शूट्स की खेती में लागत भी ज्यादा आती है और मुनाफा भी अधिक प्राप्त होता है। दुनिया के विभिन्न देशों में हॉप शूट्स की खेती की जाती है जैसे कि चीन , अमेरिका , आस्ट्रेलिया , कनाडा , न्यूजीलैंड और युरोप आदि।अगर हमारे देश की बात करें तो भारत देश में भी हॉप शूट्स की खेती कई वर्ष पहले ठंडी जलवायु हिमाचल में की गई थी लेकिन खर्चा अधिक और सुविधाओं की कमी के कारण यह उचित ढंग से नहीं हो पाई इसी वजह से किसानों ने इसकी खेती से दूरी बना ली इसके विपरीत अगर आने वाले समय में हॉप शूट्स की खेती होती है तो इससे किसानों को बहुत लाभ होगा।

Contents
दुनिया की महंगी सब्जी हॉप शूट्स की खेती की जानकारीबाजार में सबसे महंगी सब्जी हैं , हॉप शूट्‌सबिहार का वो किसान जिसने की है हॉप शूट्स की खेतीहॉप शूट्स क्या हैं??आइए , हॉप शूट्स के फायदे के बारे में जानेंगेबुवाईहॉप शूट्‌स की खेती के लिए मिट्टी , जलवायु और तापमान का निर्धारणहॉप शूट्‌स की विभिन्न किस्मेंक्या हैं हॉप शूट्‌स की खेती का तरीका??हॉप शूट्‌स के कौन से पौधों की होती हैं खेती ??कैसे होती है हॉप शूट्‌स की सिंचाई??हॉप शूट्‌स की खेती में खाद व उर्वरकों प्रयोग किस मात्रा में करें??हॉप शूट्‌स की तुड़ाई का कार्यहॉप शूट्‌स की प्रोसेसिंग के बारे मेंहॉप शूट्स की पैदावार और मुनाफा

बाजार में सबसे महंगी सब्जी हैं , हॉप शूट्‌स

समान्यतः हॉप शूट्स की खेती विदेशों में की जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अन्य देशों में इस सब्जी का भाव प्रति किलोग्राम 1000 यूरो हैं जिसके अनुसार माना जाए तो प्रति किलोग्राम ₹80000 से लेकर ₹100000 तक होगी। इसकी खेती की जानकारी को मीडिया 1 के द्वारा जानिए।

बिहार का वो किसान जिसने की है हॉप शूट्स की खेती

बिहार का वह किसान जिसने की थी हॉप शूट्स की खेती उस किसान का नाम अमरेश सिंह हैं। बिहार राज्य के इच्छुक और मेहनती किसान अमरेश सिंह ने की थी दुनिया की सबसे महंगी सब्जी हॉप शूट्स की खेती।हॉप शूट्स की खेड़ी हमारे देश के किसान भाईयों के लिए समय परिवर्तन कर देने वाली खेती बन सकती हैं। हमारे देश के अलावा कई अन्य देश है जहां हॉप शूट्स की खेती की जाती है। इसकी अंतरराष्ट्रीय मांग बहुत है इसी वजह से इसे काफी ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। किन्तु भारत में इसकी खेती कहीं नहीं दिखाई देती। इसका सबसे बड़ा कारण तो यह है कि इसकी खेती में लागत बहुत आती है। भारत में लगभग 40 से 45 परसों तक ठंडे प्रदेश हिमाचल में हॉप शूट्स की खेती की गई लागत ज्यादा होने और सही भाव प्राप्त नहीं होने के कारण किसान इसकी खेती करना पसंद नहीं करते हैं। इन्ही कारणों से भारत में हॉप शूट्स खेती दिखाई नहीं देती है।

हॉप शूट्स क्या हैं??

हॉप शूट्स क्या हैं?? इसके बारे में मिडिया 1 के द्वारा जानिए। हॉप शूट्स एक सब्जी है जो कि शंकु आकार की होती हैं। हॉप शूट्स के फूलों को हॉप्स कहा जाता हैं।हॉप शूट्स पर लगने वाले फल अपनी लचीली पंखुरियो से बने होते है। जब हॉप शूट्स का फल परिपक्व हो जाता है तब इसकी लंबाई 2 सेंटीमीटर होती है। हॉप शूट्स की जड़ों की गहराई 2 से 3 मीटर होती है। सब्जी स्वाद में कड़वी लगती है और इसके फूल स्वाद में काफी तीखे होते हैं। इसकी टहनियों का उपयोग सलाद के रूप में किया जाता है। हॉप शूट्स को नामी वाले स्थान पर उगाया जाता है और इसके लिए उपजाऊ भूमि तथा पर्याप्त धूप होना चाहिए।

आइए , हॉप शूट्स के फायदे के बारे में जानेंगे

हॉप शूट्स का मुख्य रूप से उपयोग बीयर बनाने में है। इसका उपयोग करने से बीयर में महक और झाग आते हैं। विशेष रूप से बीयर में उपयोग होने के कारण कई देशों में इसकी खेती की जाती है। बीयर बनाने में हॉप शूट्स का फुल का उपयोग होता हैं। हॉप शूट्स की टहनियों का उपयोग खाने में किया जाता है इस की टहनियों का उपयोग सलाद के रूप में किया जाता है। इसको अचार बनाने में भी उपयोग में लिया जाता है। हॉप शूट्स शरीर में एंटीबॉडी को बढ़ाता हैं जो शरीर को रोगों से बचाने में मदद करता है। इसका उपयोग करने से त्वचा चमकदार होती है साथिया अनिद्रा और तनाव को दूर करने में सहायक हैं।

बुवाई

हॉप शूट्स के बीजों की बुवाई पश्चिम देशों में ठंड जाने के बाद वसंत ऋतु में की जाती है और भारत में इसकी खेती ठंडे प्रदेशों में की जाती है।

हॉप शूट्‌स की खेती के लिए मिट्टी , जलवायु और तापमान का निर्धारण

हॉप शूट्‌स की खेती के लिए मिट्टी की बात करें तो नदियों के सतह की मिट्टी इसकी खेती के लिए अच्छी मानी जाती है। इसकी खेती में उचित जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे जलभराव की समस्या ना हो। हॉप शूट्स की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी रेतीली और चिकनी दोमट मिट्टी होती है। मिट्टी का PH मान 6 से 7 के मध्य हों।
हॉप शूट्स की खेती में ठंडी जलवायु होना चाहिए। ठंडी जलवायु से इसका पौधा पूर्ण रूप से विकसित होता है। भारत में इसकी खेती के लिए उपयुक्त प्रदेश हिमाचल प्रदेश हैं क्योंकि वहां की जलवायू ठंडी होती है।
हॉप शूट्स की खेती के लिए तापमान -25°C से +19°C होना चाहिए।

हॉप शूट्‌स की विभिन्न किस्में

हॉप शूट्‌स की खेती व्यापारिक रूप से की जाती है क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय रूप से होने वाली खेती है। इसकी खेती में अंतरराष्ट्रीय मांग बहुत है। हॉप शूट्स की विभिन्न किस्में हैं जैसे हाइब्रिड-2 , गोल्डन क्लस्टर और लेट क्लस्टर आदि।

क्या हैं हॉप शूट्‌स की खेती का तरीका??

•हॉप शूट्‌स के रोपण से पूर्व 4 इंच की गहराई में कंपोस्ट को डाल देना चाहिए।
•इसके पौधे का रोपण की आपसी दूरी 5 से 10 फिट होना चाहिए।
•हॉप शूट्स का एक ही में होना चाहिए।
•रोपण के बाद हल्की सिंचाई करना चाहिए।
•खेत में जलभराव की समस्या नहीं होनी चाहिए इसके लिए उचित जल निकासी होना चाहिए।
•हॉप शूट्स के पौधे को शुरुआती अवस्था में उचित मात्रा में धूप 6 से 8 घंटे की धूप मिलना जरूरी है।
•इसके पौधों के रोपण के लिए बीजों की बुवाई कंद भाग से की जाती है।
•हॉप शूट्स के पौधे बेल के रूप में फैल जाते हैं इसके लिए जाल बनाया जाता है। खेत के दोनों साइड में 2 स्तम् खड़े कर के तार की सहायता से बांध दिए जाते हैं।

हॉप शूट्‌स के कौन से पौधों की होती हैं खेती ??

हॉप शूट्स का पौधा भी भांग या खजूर के पौधे की तरह दो प्रजाति नर और मादा अलग होता हैं। नर और मादा प्रजाति में फूल लगते हैं जिन्हें हॉप्स कहते हैं। हॉप शूट्स की केवल मादा प्रजाति के फूलों की खेती होती हैं। इन पौधो को नर प्रजाति के पौधों के सम्पर्क से दूर रखा जाता हैं क्योंकि निषेचन के कारण मादा प्रजाति के फूलों का स्वाद खराब हो जाता हैं। मुझे से नर प्रजाति के पौधों को नष्ट कर दिया जाता है ताकि निषेचन ना हो सके। मादा प्रजाति पर उगने वाले हॉप के फूलों को ही परिपक्व होने दिया जाता हैं। हॉप शूट्स की बेल को भूमि पर मुझे बचाने के लिए 25 से 30 फीट ऊंचा तारों का जाल बना दिया जाता है स्तंभ पर लगे तारों पर हॉप का पौधा बढ़ता है।

कैसे होती है हॉप शूट्‌स की सिंचाई??

हॉप शूट्‌स के पौधे मिट्टी से पोषक तत्व आसानी से ले सकें इसके लिए हॉप शूट्स में पानी 6 इंच की गहराई तक देना जरुरी हैं। इसकी सिचाई फव्वारा या ड्रिप सिंचाई प्रणाली से की जाती है।

हॉप शूट्‌स की खेती में खाद व उर्वरकों प्रयोग किस मात्रा में करें??

हॉप शूट्‌स की खेती में खाद व उर्वरकों प्रयोग करना आवश्यक हैं। हॉप शूट्स की खेती के लिए जैविक खाद के रूप में 25 से 30 टन गोबर की खाद क्यों करना चाहिए वही रासायनिक खाद के रूप में 200 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश , 100 किलोग्राम नाइट्रोजन और 250 किलोग्राम सुपर फास्फेट का प्रयोग करना चाहिए । जैविक और रासायनिक दोनों की मात्रा को मिट्टी में मिला देना चाहिए। पौधे के रोपण के समय नाइट्रोजन की आधी मात्रा यानी कि 50 किलोग्राम मात्रा पौधे को देना चाहिए। शेष बची आधी मात्रा गर्मी में यानी जून और जुलाई महीने के बीच में देना चाहिए।

हॉप शूट्‌स की तुड़ाई का कार्य

हॉप शूट्स की रोपाई के 2 से 3 माह बाद गर्मी में जुलाई के महीने में दो-तीन महीने बाद फूल लगते हैं। कुछ हफ्तों के पश्चात यह फूल शंकु के आकार के फलों के रूप में विकसित होने लग जाते हैं। जब हॉप शूट्स की फसल पीले रंग की दिखाई देने लग जाए तब हॉप शूट्स की तुडाई का कार्य करना चाहिए। इसकी तुडाई अगस्त से सितंबर माह के मध्य में होती है।

हॉप शूट्‌स की प्रोसेसिंग के बारे में

हॉप शूट्स के विकसित फलों की तुड़ाई करने के पश्चात् इन्हें प्रोसेसिंग यूनिट में भेज दिया जाता है। हॉप शूट्स के फलों को तोड़ते समय इसमें 80% नमी होती है इसलिए इस नमी की मात्रा को कम करने के लिए फलों को प्रोसेसिंग यूनिट में भेजा जाता है।प्रोसेसिंग यूनिट में इन फलों को सुखाने के लिए गर्म हवा का उपयोग किया जाता है। इनके फलों को तब तक सिखाया जाता है जब तक कि इनके फलों में नमी 6% तक ना रह जाए। सूखी हुई पत्तियों की लंबे समय तक दत्ता बनाए रखने के लिए हवा रहित पैकिंग की जाती है।

हॉप शूट्स की पैदावार और मुनाफा

हॉप शूट्स की फसल से पैदावार की बात करें तो प्रति एकड़ 362 से 680 किलोग्राम तक की पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
हॉप शूट्स का बाजार भाव प्रति किलोग्राम 80000 से ₹90000 तक है। इस प्रकार की खेती से किसान सम्पन्न हो सकता है।

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