धान की नई किस्म : धान की बंजर जमीन पर भी बेहतर पैदावार देने वाली नई किस्म , किसानों के लिए होगी वरदान

Rahul Patidar
6 Min Read

जानिए , धान की नई किस्म और इसकी खासियत

हमारे देश में मानसून प्रारंभ होते ही किसान धान की बुवाई से संबंधित कार्य प्रारंभ कर देते हैं किंतु पर्याप्त सिंचाई व्यवस्था ना होने के कारण किसान भाइयों को धान की अच्छी पैदावार नहीं मिल पाती हैं।धान की खेती अधिकांश किसानों के द्वारा की जाती हैं।इस बात को ध्यान में रखते हुए धान की ऐसी किस्म पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है जो फसल की लागत कम करके पैदावार को बढ़ा सकें। हमारे देश के कृषि वैज्ञानिक इस कार्य में लगे हुए हैं और धान की खेती हेतु विशेष किस्मों पर कार्य कर रहे हैं। कई स्थानों पर भूमि बंजर हो गई हैं जिसके कारण कुछ भी उगाना संभव नहीं हैं।इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने धान की ऐसी किस्म का विकास किया है जो बंजर भूमि पर भी अच्छी पैदावार दे सकती हैं क्योंकि धान की खेती के लिए भूमि उपजाऊ होना चाहिए किंतु अब धान की ऐसी किस्म का विकास हो गया है जो बंजर भूमि पर भी उत्पादन दे सकेगी। धान की नई किस्म की खासियत यह हैं कि इस किस्म की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती हैं और इससे अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता हैं।धान की नई किस्म मिट्टी की लवणता को सहन करने की क्षमता रखती हैं।धान की नई किस्म दक्षिण भारत के साथ ही उत्तर भारत के लिए उपयुक्त हैं।आइए , मीडिया 1 द्वारा धान की इस नई किस्म से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।

धान की यह नई किस्म कौन-सी हैं??

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुडुचेरी के कराईकल के एक कृषि संस्थान ने धान (चावल) की एक नई किस्म का विकास किया हैं। धान की इस नई किस्म का नाम KKL(R)-3 हैं।धान की KKL(R)-3 किस्म के विकास का श्रेय पंडित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट(PAJANCOA & RI) के शोधकर्ताओं की टीम को जाता हैं।धान की इस नई किस्म की खासियत यह है कि इस किस्म की खेती सामान्य और बंजर दोनों प्रकार की भूमि पर की जा सकती हैं।

धान की खेती और उत्पादन से संबंधित राज्य

खरीफ की फसल में धान एक मुख्य फसल हैं।हमारे देश के कई राज्यों में धान की खेती मुख्य रूप से की जाती हैं जैसे – उत्तर प्रदेश , पश्चिम बंगाल और पंजाब आदि।इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश , जम्मू कश्मीर , बिहार , तमिलनाडु और हरियाणा में भी धान की खेती की जाती है।चावल उत्पादन में सबसे अग्रणी राज्य पश्चिम बंगाल हैं।हमारे देश में पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक चावल का उत्पादन होता हैं।हमारे देश में चावल के उत्पादन की दृष्टि से सबसे पहला स्थान पश्चिम बंगाल का हैं।देश के कुल चावल उत्पादन में पश्चिम बंगाल का लगभग 13.62% योगदान हैं।चावल के उत्पादन की दृष्टि से दूसरा स्थान उत्तरप्रदेश का हैं।देश के कुल चावल उत्पादन में उत्तरप्रदेश का लगभग 12.81% योगदान हैं।चावल के उत्पादन की दृष्टि से तीसरा स्थान पंजाब का हैं।देश के कुल चावल उत्पादन में पंजाब का लगभग 9.96% योगदान हैं।इस प्रकार हमारे देश के चावल उत्पादन में इन तीनों राज्यों का कुल 36 प्रतिशत योगदान हैं।

दक्षिण भारत के राज्यों के लिए उपयोगी हैं यह किस्म

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शोध में पाया गया हैं कि धान की नई KKL(R)-3 किस्म सामान्य भूमि के अतिरिक्त लवणीय (खारी भूमि) में भी खेती के लिए उपयुक्त हैं।बंजर और सामान्य दोनों प्रकार की मिट्टी में धान की इस किस्म से अच्छी वृद्धि देखने को मिली हैं।धान की यह नई किस्म बंजर और सामान्य भूमि में तेजी से विकसित होती हैं।इसे देखते हुए कह सकते हैं कि धान की नई KKL(R)-3 किस्म दक्षिण भारत के राज्यों के लिए भी वरदान साबित होगी और इसकी खेती से किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

उत्तर भारत की जलवायु के लिए भी उपयुक्त हैं यह किस्म

धान की नई KKL(R)-3 किस्म किसान की बंजर भूमि के लिए उपयोगी होने के साथ ही देश में धान की पैदावार में वृद्धि में सहायक होगी।धान की नई KKL(R)-3 किस्म के शोधकर्ता और कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार धान की यह नई किस्म उत्तर भारत की जलवायु के लिए भी उपयुक्त हैं।इस प्रकार दक्षिण भारत के साथ ही उत्तर भारत के किसान भी अपनी बंजर भूमि पर धान की इस किस्म की खेती करके अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।

देश में विभिन्न राज्यों में इतनी हैं बंजर भूमि

हमारे देश में कुल 16,996,000 हेक्टेयर भूमि बंजर हो गई हैं जिस पर खेती करना संभव नहीं हैं।जुलाई 2019 को लोकसभा में पेश दस्तावेजों के अनुसार सबसे ज्यादा बंजर भूमि वाले राज्य 4 हैं जैसे – मध्यप्रदेश , महाराष्ट्र , राजस्थान और गुजरात।मध्यप्रदेश में लगभग 13.57 लाख हैक्टेयर भूमि , महाराष्ट्र में 17.27 लाख हैक्टेयर भूमि , राजस्थान में 24.03 लाख हैक्टेयर भूमि और गुजरात में 25.52 लाख हैक्टेयर भूमि बंजर हो गई हैं जिस पर खेती नहीं की जा सकती।इसके अतिरिक्त देश के अन्य राज्यों में भी भूमि बंजर हो रही हैं।इस स्थिति में धान की यह नई KKL(R)-3 किस्म बंजर भूमि के लिए वरदान साबित होगी।धान की इस किस्म की खेती कर किसान भाई उत्पादन में वृद्धि के साथ ही आय में भी वृद्धि कर सकते हैं।

Spread the love
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *