अश्वगंधा की खेती के बारे में जानिए : फल और पत्तों दोनों से पाए भरपुर मुनाफा

Rahul Patidar
7 Min Read

क्यों जरूरी है अश्वगंधा की खेती??

अश्वगंधा कैसी फसल है जिसकी खेती करके किसान लाखों की कमाई कर सकता है।अश्वगंधा बहुत फायदा देने वाली खेती है। अश्वगंधा बहुत ही मांग वाली फसल है। अश्वगंधा के कई औषधि गुण हैं इसी कारण इसकी बाजार में मांग बनी रहती है। अश्वगंधा का पाउडर पर बाजार में बिकता है। अश्वगंधा कई रूप में उपयोगी है जैसे शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने और शरीर को ऊर्जावान बनाने में किया जाता है। कोरोना महामारी के संकट में अधिकांश लोगों ने अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग किया था और बहुत से लोगों को इससे फायदा भी हुआ था। कोरोना महामारी में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने मैं यह औषधि कारगर साबित हुई है। अश्वगंधा का दवा में कैप्सूल के रूप में उपयोग किया जाता है। अश्वगंधा बाजार में अच्छे भाव से बिकता हैं इसीलिए वर्तमान में अधिकांश किसान भाई अश्वगंधा की खेती करते हैं और कई किसान अश्वगंधा की खेती करना चाहते हैं।

अश्वगंधा से सम्बंधित जानकारी

भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति और यूनानी पद्धति दोनों में अश्वगंधा का वर्णन मिलता है। अश्वगंधा का उपयोग जड़ी बूटी और औषधीय रूप में किया जाता है। भारत के बाहर विदेशों में अश्वगंधा को शीतकालीन चेरी के नाम से जाना जाता है। अश्वगंधा एक सूखा और कठोर पौधा होता है। अश्वगंधा को अधिकांश रूप से मध्य भारत और उत्तर पश्चिम भारत में लगाया जाता है।

अश्वगंधा की खेती क्यों करना चाहिए??

भारत में परंपरागत खेती के साथ बागवानी फसलों और अन्य फसलों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। आज के समय में भी ऐसे बहुत से किसान भाई है जो परंपरागत खेती करते हैं किंतु परंपरागत खेती से अधिक मुनाफा नहीं मिल पाता है। उसी के क्रम में किसान भाई द्वारा अश्वगंधा की खेती करना एक अच्छा उपाय है।अश्वगंधा की खेती करके बहुत मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे किसान जो औषधीय खेती करना चाहते हैं उनके लिए अश्वगंधा की खेती करना एक अच्छा विकल्प है। किसान अश्वगंधा की खेती करने के पहले बाजार और ग्राहकों की मांग के बारे में जानकारी ले उसके पश्चात खेती करें ।

अश्वगंधा की खेती के लिए मिट्टी का निर्धारण

अश्वगंधा की खेती के लिए मिट्टी के बारे में जानना जरूरी है। किसान नजदीक के कृषि विभाग कार्यालय से मिट्टी की जांच करवा कर अश्वगंधा की खेती करें। वैसे तो अश्वगंधा की खेती उपजाऊ और अर्ध उपजाऊ दोनों ही मिट्टी में की जा सकती किंतु अश्वगंधा की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी लाल बलुई मिट्टी होती है। मिट्टी का PH मान 7.5 से 8.0 के मध्य हों।

अश्वगंधा की खेती जलवायु और तापमान का निर्धारण

अश्वगंधा की खेती के लिए बारिश की मात्रा 500 से 7:30 सौ मिलीलीटर होना चाहिए। अश्वगंधा की खेती के लिए क्षेत्र में पर्याप्त नमी होना चाहिए।
अश्वगंधा के लिए मध्यम तापमान होना चाहिए।25°C से 30°C के मध्य का तापमान अश्वगंधा की खेती के लिए उपयुक्त होता है। इस तापमान में पौधा तेजी से विकास करता है और तेजी से वृद्धि करता है। पर्वतीय क्षेत्रों में कम तापमान में अश्वगंधा की खेती हो जाती है।

खेत तैयार करने की प्रक्रिया

अश्वगंधा की खेती में खेत तैयार करने के लिए सबसे पहले खेत की दो बार गहरी जुताई करे। खेत को समतल बनाने के लिए पाटा लगाएं और उसके पश्चात खेत में जैविक खाद का प्रयोग करें।

अश्वगंधा की बुवाई कब और कैसे करें??

जुलाई और अगस्त के माह में अश्वगंधा की बुवाई करना चाहिए। अश्वगंधा की बुवाई के लिए बीज की मात्रा प्रति हेक्टेयर 10 से 12 किलोग्राम होना चाहिए। अश्वगंधा की बुवाई से पूर्व बीजों को उपचारित कर लेना चाहिए। बीजों के उपचार के लिए डाएथेन M-45 का प्रयोग करना चाहिए। 1 किलोग्राम बीज में डाएथेन M-45 की मात्रा 3 ग्राम रखें।अश्वगंधा की खेती में लगभग
15 – 15 किलो की मात्रा में नाइट्रोजन , फास्फोरस और सड़ी गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए।

कैसे करें अश्वगंधा की सिंचाई

अश्वगंधा की पहली सिंचाई के बाद लगभग 15 से 20 दिन पश्चात दूसरी सिंचाई करना चाहिए। फिर 1 माह बाद सिंचाई करें।
बारिश के मौसम में नियमित सिंचाई हो जाने के कारण सिंचाई की आवश्यकता नहीं होगी वही गर्मी के मौसम में लगभग 5 से 8 दिन के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए।

अश्वगंधा से प्राप्त उत्पादन

अश्वगंधा की खेती में लगभग 5 से 6 माह का समय लग जाता हैं। अश्वगंधा की खेती में बीजों में हम जितना खर्चा करते हैं उस खर्चे से 3 गुना तक उत्पादन हमें प्राप्त हो जाता है। लगभग 10 से 12 किलोग्राम बीज के खर्चे पर 50 किलोग्राम तक का उत्पादन हमें मिल जाता है।अश्वगंधा की फसल में प्रति हेक्टेयर 3 से 4 क्विंटल जड़ और इससे 50 किलोग्राम तक बीज का उत्पादन प्राप्त हो जाता है।

अश्वगंधा से प्राप्त मुनाफा

अश्वगंधा की खेती में किसान अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं इसकी खेती में बीज के अलावा जड़ों से भी हमें मुनाफा मिल जाता है।अश्वगंधा की बाजार में कीमत ₹600 प्रति किलोग्राम है। माता की पतंजलि का पैकिंग वाला अश्वगंधा ₹60 में 100 ग्राम मिलता है। अश्वगंधा के बीज कीमत ₹350 से ₹400 प्रति किलोग्राम हैं। इसी प्रकार किसान यदि 1 हेक्टेयर में अश्वगंधा की खेती करते हैं तो इससे प्रति हेक्टेयर 50 किलोग्राम बीज मिल जाते हैं। इस भाव से किसान 5 से 6 माह में प्रति हेक्टेयर ₹200000 मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। इस भाव में से यदि लागत के ₹50000 भी माने तो डेढ़ लाख रुपए का लाभ आसानी से मिल जाता हैं। इसी वजह से वर्तमान में अश्वगंधा की खेती ज्यादा होने लगी है।

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