जानिए कौन सी है अमरूद की उन्नत किस्में और किसान भाई कैसे पाएं लाखों का मुनाफा
वर्तमान में किसान परंपरागत खेती के स्थान पर बागवानी खेती पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। यही कारण है कि किसान भाई परंपरागत फसलों के साथ में बागवानी फसल से भरपूर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। हम बागवानी फसल के बारे में तो बात करते रहते हैं इन्हीं बागवानी फसल में हम अमरूद की खेती के बारे में जानेंगे। अमरूद की खेती करके किसान भाई बहुत अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि अमरूद की खेती वर्ष भर में 2 बार की जा सकती है इसी वजह से यह एक फायदेमंद खेती साबित होती है। किसान भाई अपनी खेती में मिट्टी के आधार पर अमरूद की बेहतर किस्म का चुनाव कर प्रत्येक वर्ष अमरूद की खेती करके मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। खेती के अनुरूप एक बार बेहतर किस्म का चुनाव कर इससे 30 वर्षों तक लाभ कमाया जा सकता है। अमरूद के एक वृक्ष से लगभग 400 से 600 फल मिल जाते हैं। अमरूद की खेती से किसानों को अच्छा भाव मिल जाता है क्योंकि इसका बाजार भाव भी अच्छा होता है इस प्रकार अमृत की खेती से काफी लाभ कमाया जा सकता है।
अमरूद की खेती पर मिलने वाली सब्सिडी
सरकार द्वारा बागवानी फसल और अन्य फसलों पर कई योजनाएं चलाई जा रही है और कई फसलों पर तो सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। अमरूद की खेती के लिए भी सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाती है। जैसे कि बिहार की राज्य में अमरूद की खेती के लिए सरकार की ओर से 60% सब्सिडी मिल जाती है वैसे सरकार की ओर से अमरूद की खेती के लिए ₹100000 प्रति हेक्टेयर लागत निर्धारित की गई है इस प्रकार 60% सब्सिडी के अनुसार ₹60000 सब्सिडी मिल जाती है।
अमरूद की उन्नत 10 किस्में
(1) लखनऊ – 49 (सरदार)
लखनऊ- 49 (सरदार) किस्म के जो पौधे होते हैं ऊंचाई में छोटे , शाखा अधिक , फैले हुए और अधिक फल देने वाले होते हैं। इस किस्म के फल का आकार खुरदुरा होता है। इसका गूदा मीठा और स्वादिष्ट होता है। लखनऊ- 49 (सरदार) किस्म से अमरूद के एक वृक्ष से लगभग 50 से 60 किलोग्राम तक पैदावार प्राप्त होती है।
(2) VNR बिही
VNR बिही किस्म के विकास का श्रेय कृषि वैज्ञानिक पंडित डॉ नारायण चावड़ा चेयरमैन VNR समूह अमरूद अनुसंधान एवं विकास को जाता हैं।VNR बिही किस्म के अमरुद आकार में बड़े होते हैं और इनमें बीज कम होते हैं। इस किस्म में मिठास की मात्रा औसत रूप में और अधिक समय तक इसकी गुणवत्ता को बनाए रखने की क्षमता होती है।VNR बिही किस्म की खेती किसान अधिकांश रूप से करते हैं इस किस्म में अमरूद का दाम अच्छा मिल जाता है।
(3) चित्तीदार अमरूद
चित्तीदार अमरूद किस्म का फल अंडाकार , चिकना और मध्यम आकार का होता हैं। इस किस्म में फलों का रंग हल्का पीला होता है। चित्तीदार अमरुद किस्मों में गुदा सफेद और मुलायम होता है यह स्वादिष्ट और मीठा होता है।चित्तीदार अमरूद किस्म मैं अमरूद के फल की सतह पर लाल रंग के धब्बे होते हैं , इसी वजह से इसको चित्तीदार अमरुद कहते हैं।
(4) श्वेता
श्वेता किस्मा मैं अमरूद का जो पौधा होता है वह मध्यम आकार का होता है। श्वेता किस्म में फल का आकार गोल और मुलायम होता हैं साथ ही फलों में बीज कम होते हैं। श्वेता किस्म में फल पीले रंग के होते हैं जिसमें लालिमा भी उभर आती हैं। श्वेता किस में अमरूद की अधिक पैदावार देने वाली किस्म हैं।
(5) ललित
ललित किस्मत एप्पल कलर से चयनित की गई एक उन्नत किस्में है ।ललित किस्म के फल का आकार मध्यम होता है और फल का वजन 175 से 200 ग्राम तक होता है। ललित किस्मत के रोपण के पश्चात लगभग 6 साल पश्चात प्रति पौधे से 80 से 100 किलोग्राम फल मिल जाते हैं। ललित के समय में अमरूद का गूदा स्वादिष्ट और गुदे का रंग लाल होता है।अमरूद की ललित किस्म भी काफी अच्छी है। ललित किस अमरूद के अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों में आती है।
(6) अर्का अमूल्य
अर्का अमूल्य किस्म अमरूद की इलाहाबाद सफेदा और ट्रिप्लॉइड के आपसी संकरण द्वारा उत्पन्न की गई किस्म हैं। अर्का अमूल्य किस्म में पेड़ फैलावदार होता हैं। इस किस्म में पौधे मध्यम औज वाला होता हैं। अर्का अमूल्य किस्म में फल का आकार गोल और इसका छिलका मुलायम होता हैं। इसमें फल का वजन लगभग 180 से 200 ग्राम तक होता हैं।अर्का अमूल्य किस्म में गुदा ठोस और गुदे का रंग सफ़ेद होता हैं। इस किस्म के पौधे टिकाऊ होते हैं।
(7) ताइवान सफेदा
ताइवान सफेदा प्रजाति का पेड़ उष्णकटिबंधीय फलों वाला पेड़ है। ताइवान सफेदा पेड़ के फूल सफेद रंग के होते हैं तथा पत्ते सदाबहार होते हैं।ताइवान सफेदा फल का आकार बड़ा , स्वादिष्ट और मीठा होता है।
(8) इलाहाबाद सफेदा
इलाहाबाद सफेदा किस्म में पौधे का आकार लंबा होता हैं और पौधे एक सीध में वृद्धि करते हैं।इलाहाबाद सफेदा में फल का आकार गोल और सतह चमकदार होती हैं।इलाहाबाद सफेदा प्रजाति की भंडारण करने की क्षमता अच्छी होती हैं इस कारण फल लंबे समय तक ताजा रहते हैं। इस प्रजाति से प्रति पेड़ 40 से 50 किलोग्राम तक फल प्राप्त हो जाते हैं।इलाहाबाद सफेदा किस्म का गुदा मीठा और गुदे का रंग सफ़ेद होता हैं।
(9) हिसार सफेदा
हिसार सफेदा किस्म को को इलाहाबाद सफेदा किस्म और सीडलैस अमरूद के आपसी संकरण द्वारा तैयार किया गया हैं।हिसार सफेदा पेड़ एक सीध में वृद्धि करते हैं और इनकी वृद्धि करने की क्षमता अच्छी होती हैं।हिसार सफेदा किस्म में फल का आकार गोल और सतह चमकदार होती हैं और फलों में बीज बहुत कम मात्रा में होते हैं।फल मीठे और रसीले होते हैं।हिसार सफेदा के अमरुद का गुदा सफेद होता हैं।हिसार सफेदा अमरूद की बागवानी मध्यम वर्षा वाले क्षेत्र में अच्छे से की जा सकती हैं।
(10) हिसार सुरखा
हिसार सुरखा किस्म को बनारसी सुरखा और एप्पल कलर अमरूद किस्म के आपसी संकरण द्वारा तैयार किया गया हैं।हिसार सुरखा किस्म के पेड़ आकार में लम्बे और फैलावदार होते हैं।हिसार सुरखा किस्म में फल का आकार गोल होता हैंऔर फल का छिलका हल्के पीले रंग का होता है।हिसार सुरखा किस्म में फल का गुदा अधिक मीठा और गुदे का रंग गुलाबी होता हैं।