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वैज्ञानिकों द्वारा तैयार यह किस्म देगी किसान भाइयों को बंपर मुनाफा

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सरसों की उन्नत खेती

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सरसों की उन्नत खेती

रबी के सीजन में सरसों की खेती किसान भाइयों द्वारा मुख्य रूप से की जाती है।कृषि वैज्ञानिक भी बेहतर उत्पादन वाली किस्म को तैयार करने में निरंतर प्रयासरत रहते हैं।कृषि वैज्ञानिक सरसों की उन किस्म को तैयार करना चाहते है

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वैज्ञानिकों द्वारा तैयार इस नई किस्म के अतिरिक्त राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के किसानों के लिए तैयार की गई RVM-1 किस्म भी अच्छी पैदावार देती है इस किस्म को विकसित करने का श्रेय आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र(Zonal Agricultural Research Center)के वैज्ञानिकों को जाता है।RVM-1 किस्म को पूसा बोल्ड और YRT-3 किस्म की सरसों को मिलाकर तैयार किया गया है।RVM-1 किस्म के सरसों के बीज को कृषि अनुसंधान केंद्र मुरैना (Agricultural Research Center) में तैयार किया गया है।

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RVM-1 किस्म की खासियत

RVM-1 किस्म के सरसों का तेल उच्च गुणवत्ता का माना जाता हैं इस तेल को लंबे समय तक भंडारित किया जा सकता हैं। यह इस किस्म की मुख्य खसियत हैं। •RVM-1 किस्म के सरसों के तेल को गर्म करने पर झाग नही बनते हैं। यह भी इस किस्म को खास बनाता हैं। •RVM-1 किस्म के सरसों में ग्लूकोसाइनेट और यूरिसिक एसिड की मात्रा बहुत कम पाई जाती है। •RVM-1 किस्म के सरसों की फसल में कीट रोग नहीं पनपते क्योंकी सितम्बर में बुवाई और दिसंबर तक फसल लेने तक कीट रोग प्रारम्भ नहीं होते हैं। •RVM-1 किस्म के सरसों के पकने की अवधि लगभग 108 दिन है। •RVM-1 किस्म के सरसों से उत्पादन लगभग प्रति हेक्टेयर 15 से 20 क्विंटल होता हैं।

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RVM-3 किस्म की खासियत

वैज्ञानिकों के द्वारा तैयार की गई RVM-1 किस्म के अतिरिक्त कृषि अनुसंधान केंद्र मुरैना(Agricultural Research Center) के द्वारा तैयार की गई सरसों की एक और किस्म RVM-3 भी है •RVM-3 किस्म की सरसों से 40% से 42% तक तेल प्राप्त होता है। •RVM-3 किस्म की सरसों के बीज की मुख्य खासियत यह है कि कम सिंचाई में भी इसके उत्पादन पर कोई असर नहीं होता है। •RVM-3 किस्म के पकने की अवधि लगभग 125 दिन है।

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सरसों की किस्म RVM-20 की खासियत

•RVM-20 किस्म के सरसों के दानों से लगभग 50% ज्यादा तेल प्राप्त किया जा सकता है। •RVM-20 किस्म के सरसों को मुख्य रूप से मध्य प्रदेश राज्य को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है वैज्ञानिकों द्वारा इस किस्म को जबलपुर जिले में 20 हेक्टेयर क्षेत्र में तैयार किया है। •RVM-20 किस्म के सरसों को सिंचित और असिंचित दोनों क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। •RVM-20 किस्म के सरसों को पानी की कमी वाले क्षेत्र में सरलता पूर्वक उगाया जा सकता है और अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है जैसे कि जबलपुर जिले के शहपुरा , पनागर और कुंडम जैसी तहसील में। •RVM-20 किस्म के सरसों की खेती की ट्रेनिंग वैज्ञानिकों द्वारा जबलपुर जिले के किसानों को दी जा रही हैं।

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सरसों की किस्म RVM-20 को लेकर वैज्ञानिकों के प्रयास

वैज्ञानिक बेहतर उत्पादन देने वाली नई किस्मों को तैयार करने में प्रयासरत रहते हैं।इसी दौर में सरसों की RVM-20 किस्म के प्रति कृषि वैज्ञानिकों का प्रयास जारी है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक जबलपुर जिले में सरसों का क्षेत्र लगभग 35 हेक्टेयर है जिसमें 20 हेक्टेयर में इस नई किस्म को तैयार किया जा रहा है।कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सरसों की इस किस्म को लगाकर दुगनी पैदावार प्राप्त की जा सकती है।वैज्ञानिक को द्वारा जबलपुर के किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है साथ ही उनको इस किस्म के लिए ट्रेनिंग भी दी जा रही है।जबलपुर जिले के किसानों को RVM-20 किस्म की खासियत को भी बताया गया है।वैज्ञानिकों द्वारा सरसों की पैदावार में वृद्धि करने के लिए और किसानों को अच्छा लाभ प्राप्त हो इसलिए इस किस्म के बारे में जानकारी दी जा रही है।

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